Friday, June 26, 2009

वजह

हम जी रहे जैसे , हम जीना तो नही चाहते थे

जिस गली की ओर कदम ख़ुद बढ़ चले है

इस रास्तें के हम अनजान मुसाफिर है

फिर क्यो yun हम आगे बढ़ रहे है

कई बार हुमने ख़ुद को बहुत रोका है

पर हर बार वो गली में मिले तो हम क्या करे

उनकी खुशी का मंजर तो देखिये

कंधे पर सर सर रख कर मेरे

वो किसी और के लिए रोये

हम चाह कर भी उनके आसुओ को

रोक नही पाये

क्यो की इन आसुओ की वजह से

मेरे साथ woh खड़े थे

No comments: